पैसों का लालच बना पहलगाम में पर्यटकों की जान का दुश्मन, इन 2 अपनों ने ही दिया देश को ‘धोखा’

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते से फिर से बेहद खराब हो गए हैं. केंद्र की मोदी सरकार ने हमले को दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की बात कही है. विपक्ष ने भी आतंक के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई में सरकार का साथ देने का फैसला लिया है. कल गुरुवार को दिल्ली में हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सुरक्षा में चूक से इनकार किया और कहा कि प्रशासन को इस बात की जानकारी नहीं दी गई थी कि पर्यटकों को बैसरन ले जाया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि पैसे के लालच में लोग पर्यटकों को लेकर बैसरन तक चले गए थे.

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कल गुरुवार को सर्वदलीय बैठक में बताया कि पहलगाम हमला घाटी में माहौल खराब कराने के मकसद से किया गया था क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने की वजह से अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही थी और पर्यटन क्षेत्र लगातार आगे बढ़ रहा था.

राहुल गांधी और खरगे ने उठाए सवाल

सूत्रों के अनुसार, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में हुई सर्वदलीय बैठक में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने पर्यटक स्थल पर सुरक्षा में चूक का मामला उठाया. साथ ही सवाल किया कि वहां पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती क्यों नहीं की गई थी. राहुल की तरह राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने भी सवाल किया कि सुरक्षा में चूक हुई है और हमले के बाद सरकार की ओर से तुरंत कार्रवाई क्यों नहीं की गई.

सर्वदलीय बैठक से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने बिहार के मधुबनी में एक कार्यक्रम के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत पहलगाम हमले में शामिल हर आतंकवादी और उनके समर्थकों की पहचान करेगा और उन्हें उनकी कल्पना से अधिक दंड दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कोशिश की जाएगी. कोई भी भारत का मनोबल नहीं तोड़ पाएगा.

पर्यटकों को बैसरन ले जाने की जानकारी नहीं!

पहलगाम में 28 बेगुनाहों की मौत के पीछे 2 वर्ग के लोगों को भी वजह माना जा रहा है. टूर ऑपरेटरों और स्ठानीय होटल मालिकों ने प्रशासन से ये बात छुपाई कि वे पर्यटकों को बैसरन ले जा रहे हैं. ऐसे में पहलगाम में सैनिकों को मौजूद होने के बावजूद प्रशासन बैसरन में इन्हें भेज नहीं सका.

सूत्रों के अनुसार, सरकार की ओर से बैठक में बताया गया कि पहलगाम में सैनिक मौजूद थे, लेकिन उन्हें वहां पर तैनात नहीं किया गया था, क्योंकि स्थानीय अधिकारियों को पर्यटकों को बैसरन ले जाने को लेकर कोई जानकारी ही नहीं थी. उन्होंने यह भी कहा कि टूर ऑपरेटरों और स्थानीय होटल मालिकों ने अधिकारियों को इस बारे में जानकारी ही नहीं दी थी कि पर्यटकों को वहां पर ले जाया जा रहा है.

दिल्ली में केंद्र सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक के दौरान कई विपक्षी सांसदों ने अपनी-अपनी बात रखी, लेकिन इस दौरान किसी के बीच कोई तीखी बहस नहीं हुई. सांसदों ने सरकार की ओर के उठाए गए किसी भी कार्रवाई पर अपना समर्थन देने का ऐलान किया.

हालांकि पहलगाम आतंकी हमले के बाद बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी शामिल नहीं हुए. पीएम की अनुपस्थिति पर कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह समेत कई नेताओं ने सवाल जरूर उठाया. उनका कहना था कि पीएम मोदी को बैठक में हिस्सा लेना चाहिए था.

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