केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 51ए(ई) में देश के सभी नागरिकों की जिम्मेदारी तय की गई है कि वे महिलाओं के सम्मान के खिलाफ किसी भी तरह की अपमानजनक प्रथाओं/कृत्यों का त्याग करें. सरकार ने कहा है कि संविधान का यह प्रावधान सम्मान और समानता की संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और लोगों से महिलाओं को अपमानित करने या उनके साथ भेदभाव करने वाले कार्यों या परंपराओं को खत्म करने का आग्रह करता है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष यह हलफनामा उस जनहित याचिका के जवाब में दाखिल किया है, जिसमें देश में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा के बारे में जागरूकता पैदा करने और शैक्षणिक संस्थानों में जागरूकता कार्यक्रम चलाने की मांग की गई है. कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए शिक्षा मंत्रालय के अवर सचिव राजन भसीन ने यह हलफनामा दाखिल किया है.