बतौर क्रिकेट फैंस हमने धोनी को अक्सर अपने प्लान में कामयाब होते देखा है. लेकिन 3 मई की शाम सबकुछ वैसा नहीं हुआ, जैसा कि कैप्टन कूल चाहते थे. RCB के खिलाफ CSK के कप्तान अपनी ही चाल में उलझकर रह गए. नतीजा, ये हुआ कि टीम को हार का सामना करना पड़ा. अब किसी ना किसी पर तो हार का ठीकरा फूटना था. और, वही हुआ. अपने ही चाल में फंसने के बाद धोनी ने ही हार का ठीकरा भी खुद पर फोड़ लिया. उन्होंने सरेआम खुद पर हार की सारी जिम्मेदारी ले ली.
अपने ही चाल में फंस गए धोनी!
अब आप सोच रहे होंगे कि धोनी की चाल क्या थी, जिसमें वो उलझे. तो ये कोई उनका नया गेम प्लान नहीं, बल्कि वही था, जिसमें हम अक्सर उन्हें कामयाब होते देखने के आदि हो चुके हैं. धोनी की जिस चाल में उलझकर CSK की नैया डूबी वो मैच को आखिर तक ले जाने के उनके इरादे से जुड़ी रही. धोनी ने ऐसा पहले भी किया है. मगर 3 मई को RCB के खिलाफ खेले IPL 2025 के मुकाबले वो और उनकी टीम ऐसा करने से 2 रन से चूक गए.
धोनी ने खुद ली हार की जिम्मेदारी
मैच के बाद धोनी ने प्रजेन्टेशन में आकर सीधे-सीधे कहा कि वो उस हार की सारी जिम्मेदारी लेते हैं. धोनी ने अकेले खुद पर हार का ठीकरा फोड़ने की वजह भी बताई. उन्होंने कहा कि उन्हें बतौर बल्लेबाज कुछ और बड़े शॉट्स खेलने चाहिए थे, जो वो नहीं खेल सके, जिसके चलते टीम दबाव में आ गई और मुकाबला हार गई.
डेथ ओवर्स में धोनी के अच्छे रिकॉर्ड के बावजूद हारी टीम
RCB के खिलाफ धोनी डेथ ओवर्स में बल्लेबाजी करने उतरे थे. T20 क्रिकेट के इस फेज में धोनी 181 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से 4000 से ज्यादा रन अपने करियर में बना चुके थे. ऐसे में उनसे उम्मीद करना गलत नहीं था. 17वां ओवर खत्म होने के बाद CSK को 18 गेंदों में 35 रन चाहिए थे. क्रीज पर धोनी-जडेजा के होते ये काम मुश्किल नहीं था. लेकिन, दोनों बल्लेबाजों की सिंगल-डबल लेकर मैच को अंतिम गेंद तक ले जाने वाली मंशा टीम पर भारी पड़ गई.
धोनी-जडेजा में से किसी ने 18वें ओवर में कोई बाउंड्रीज नहीं जड़ी, उन्होंने बस 6 रन इस ओवर में जोड़े. जिसके चलते CSK को अंतिम 12 गेंदों पर 29 रन बनाने रह गए. इसके बाद 19वें ओवर में जहां कुछ ज्यादा बड़े शॉट्स की दरकार थी. धोनी-जडेजा ने बस एक चौका और एक छक्का लगाया.
नतीजा ये हुआ कि जब अंतिम 6 गेंदों पर 15 रन बनाने का दबाव बना, तो उस चक्कर में बाद धोनी को अपना विकेट गंवाना पड़ा. मतलब, जिन धोनी का स्ट्राइक रेट डेथ ओवर्स में 181 का था. वो RCB के खिलाफ इस फेज में 8 गेंदों का सामना कर बस 12 रन बना सके. उन्होंने बड़े शॉट के नाम पर सिर्फ एक छक्का लगाया. धोनी को भी इस बात का मलाल रहा, जो गुब्बार मैच प्रजेन्टशन में फूटा.
मैच तो अंतिम गेंद तक गया मगर …
धोनी के आउट होने के बाद भी मैच अंतिम गेंद तक तो गया, जहां उन्हें जीत के लिए 4 रन बनाने रह गए थे. अब किसी भी नए बल्लेबाज के लिए सीधे ग्राउंड पर उतरकर शॉट खेलना आसान तो होता नहीं. फिर भी दुबे ने कोशिश बहुत की. मगर आखिरी गेंद पर वो 4 रन के फासले को नहीं मिटा सके. सीधे शब्दों में कहें तो मैच को आखिर तक ले जाकर खत्म करने की धोनी और उनकी टीम की चाल कामयाब होते-होते रह गई.