उत्तर प्रदेश में नई शराब नीति योगी सरकार के किए फायदेमंद हो रही है. रिटेल शराब व्यापार में आबकारी विभाग ने अप्रैल महीने में ही बंपर कमाई की है. बीते साल की तुलना में आबकारी विभाग को 1000 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त हुआ है. अप्रैल में विभाग को 4319 करोड़ रुपये का शुल्क मिला, जो बीयर, आईएमएफएल और देशी शराब की बिक्री से इकट्ठा हुआ है. पिछले साल यह अप्रैल महीने में 3313 करोड़ रुपये था.
नई शराब नीति में प्रदेश में बीयर और शराब की मिश्रित दुकानें शुरू की गईं, जिससे रोजाना की बिक्री और आमदनी में इजाफा हुआ है. आबकारी विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, कई नई लाइसेंस कैटेगरी शुरू करने के साथ कम लाइसेंस शुल्क पर कम अल्कोहल वाले पेय पदार्थों की पेशकश के लिए जगह बनाई गई है. इस बीच कई ऐसी कठिनाइयों को कम या खत्म किया गया है, जिनसे व्यापार करने में आसानी हो. उनका कहना है कि अवैध शराब के खिलाफ जारी कार्रवाई से भी इसमें फर्क पड़ा है.